अन्ना ने अपने गांव रालेगण में बुराई के प्रतीक रावण को आग जरूर लगा दी पर अभी उनका संग्राम बाकी है. विजय दशमी की रात को ही अन्ना पर पहला वार किया मुंबई में बाला साहब ठाकरे ने. अदावत पुरानी है पर दोस्ती के बाद हमले ने फिजा बदल दी है.