महज डेढ़ घंटे में जसवंत सिंह की सियासी दुनिया बदल गई. सुबह तक वो बीजेपी के वरिष्ठ नेता थे, लेकिन दोपहर होते-होते बीजेपी में अतीत का अध्याय बन गए. अपनी किताब में जिन्ना की तारीफ करने की उन्हें सजा मिल गई और वो पार्टी से बाहर कर दिए गए.