कांग्रेस ने अयोध्या के 22 जनवरी वाले निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया. इसके साथ 2024 की राजनीति कांग्रेस पर अटक गई है. साथ ही मंदिर, प्राण प्रतिष्ठा और निमंत्रण को लेकर कांग्रेस के फैसले पर इतिहास के पन्नों को पलटा जा रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या देश की सबसे पुरानी पार्टी के फैसले में कितनी सत्यता और कितनी सियासत. देखें 10तक.