11 साल बाद वही गोवा है, वही बीजेपी है और वही मोदी हैं. फर्क है तो सिर्फ इतना कि तब आडवाणी मोदी की राजनीति बचाने के लिए ढाल बन गए थे लेकिन अब वही आडवाणी मोदी के रास्ते की सबसे ऊंची दीवार बन गए हैं.