गोलियां चल रही थी दंतेवाड़ा के जंगलों में और हर शहीद के साथ कुर्बान हो रही थी कई परिवारों की खुशियां. हर शहादत के साथ मां की गोद सूनी हो गयी, बच्चों के पापा छिन गए और बिछड़ गया हमसफर. हम ऐसे ही कुछ परिवारों की कहानियां लेकर आए हैं. जिनके लिए जिंदगी अब पहले जैसी नहीं रही. हम सलाम करते हैं शहीदों के हौसले का और उन परिवारों की हिम्मत को जो ऐसे वक्त में चट्टान की तरह खड़े हैं.