गए थे हरि भजन को, ओटन लगे कपास. जसवंत सिंह का खत बीजेपी के गले की फांस बन गया है. पार्टी का एक खेमा उनके खिलाफ कारवाई की मांग पर अड़ा है तो आलाकमान आग बुझाने की कोशिश में लगा है. लेकिन मुश्किल इस बात की है कि ये आग बुझाए नहीं बुझ रही.