देश की जनता के लिए योजना बने. योजना जमीन पर पहुंचे ना पहंचे, कागज पर पूरी दिखे तो सवाल खड़े करना जरूरी है. गरीबों के लिए प्रधानमंत्री के सपनों के घर में भ्रष्टाचारियों का 'गृह प्रवेश' कैसे हुआ, किसने किया, आज तक ने इसकी पड़ताल की है. वहीं सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार का भूत घुसा है, जिसे बाहर कोई नहीं निकाल पा रहा है. वहीं मनोरंजन की दुनिया में ओटीटी का तांडव मचा है. सवाल ये उठ रहे हैं कि कल्पनाशीलता के नाम पर क्या भावनाएं आहत होने की छूट मिलती है? देखें दस्तक, रोहित सरदाना के साथ.