तो क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रैलियों से लेकर रोड शो में दिखा जलवा चुनावी बिसात पर भी चलने वाला है. या कहें मोदी-शाह की जोड़ी ने राजनीति की चौसर पर जो भी पाचे चले, वह उनके मुताबिक ही गिरने वाले हैं. ये सवाल इसलिए क्योंकि तमाम चैनलों पर आए एग्जिट पोल के नतीजे यही संकेत दे रहे हैं.यूपी में राहुल-अखिलेश विकास के उसी मंत्र के आसरे मोदी को चुनौती दे रहे थे, जिस मंत्र को मोदी जपते हैं. और मायावती ने दलित-मुस्लिम के जातिगत समीकरण को इस तरह साधने की कोशिश की थी कि बीजेपी को बैकफुट पर ही रहना पड़ा.लेकिन-यूपी के ये तमाम एग्जिट पोल साफ कह रहे हैं कि बीजेपी यूपी की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी. और आजतक एक्सिस से लेकर टुडेज चाणक्य के एक्जिट पोल तो बीजेपी को बहुमत मिलता देख रहे हैं. और यही वजह है कि आज एक इंटरव्यू में अखिलेश यादव यह कहने से नहीं हिचके कि जरुरत पड़ी तो वो मायावती से भी हाथ मिला सकते हैं.