सवाल एक अप्रैल को पीएम मोदी को लेकर पोस्टरों के चस्पा होने का नहीं है. सवाल यह है कि मोदी की तर्ज पर इससे पहले जो भी पूर्ण बहुमत से कहीं ज्यादा सीटें हासिल करके पीएम बना उसकी सत्ता पांच बरस भी चल नहीं पाई. दिल्ली में केजरीवाल को लेकर भी पोस्टर चस्पा हुए. वजहें चाहे अलग रही हों, लेकिन जनता को जरूर लगा कि उसे अप्रैल फूल बनाया जा रहा है.
dastak: narendra modi and arvind kejriwal's posters on April fool