दिल्ली में अरविंद केजरीवाल को अब ट्रिपल इम्तिहान देना है. डीडीसीए घोटाले में उन्होंने जिस तरह अरुण जेटली पर आरोप लगाए, और उसके बाद उनके ही बनाए जांच आयोग में जेटली का नाम नहीं आने से जिस तरह किरकिरी हुई-उसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरु हुआ है. ऑड-इवन फॉर्मूले की सफलता या विफलता केजरीवाल के गवर्नेंस का इम्तिहान है तो ऑटो परमिट घोटाले को लेकर जिस तरह बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ मोर्चा खोला है और कई ऑटो वाले भी सड़क पर उतर आए हैं तो केजरीवाल के सामने साख बचाने का इम्तिहान भी है.