2 अक्टूबर यानी गांधी जयंती के दिन दिल्ली में पहली बार बदहाल किसान जुटेगा तो महात्मा गांधी नहीं बल्कि उसकी जुबान पर लाल बहादुर शास्त्री होंगे. क्योंकि गांधी का नाम लेकर राजघाट पर जुटने की इजाजत तो गांधी जयंती के दिन सत्ता किसानो को देती नहीं इसलिए लाल बहादुर शास्त्री का नाम लेकर विजय घाट पर जुटेंगे किसान और जंतर मंतर तक चल कर जाएंगे.