बाढ़ की चपेट में आई कश्मीर घाटी मुश्किल में है. क्या सरकार और प्रशासन के इंतजाम पुख्ता हैं? क्या इसे प्राकृतिक आपदा कहकर सरकारें बच रही हैं? क्या वाकई कोई कसूरवार नहीं है? या यह मान लिया जाए कि विकास की अंधी दौड़ में सब कुछ समेटने की चाहत ने ऐसी स्थिति पैदा की है. आज बात उस चार साल पुरानी उस रिपोर्ट की, जिसमें ऐसी बाढ़ के बारे में चेताया गया था.
dastak program on kashmir floods