आज हम 10तक में बात करेंगे उस अपराधी मानसिकता की जिसमें कानपुर का दुर्दांत गैंग्स्टर विकास दुबे का बस चला होता तो उसने दो जुलाई की रात उसे पकड़ने गए सभी पुलिस वालों को मारने के बाद जला दिया होता. वो राख उसके गुनाहों के कुएं में दफ्न हो जाती. लेकिन सिर्फ पांच लाशें ही वो इकट्ठा कर पाया और तब डर के मारे भाग गया. विकास दुबे के कबूलनामे को सुनकर आपका दिल दहल जाएगा. 10तक में देखें विकास दुबे का कबूलनामा.