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दस्तक: खलनायकी भी राजनीतिक नायक गढ़ती है

दस्तक: खलनायकी भी राजनीतिक नायक गढ़ती है

एक समय था जब सपा कार्यकर्ताओं ने मायावती के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था. लेकिन तब न तो मायावती और न ही उनके समर्थक, सड़क पर उतरे थे. लेकिन अब बीजेपी सदस्य दयाशंकर सिंह की जबान मर्यादा की सीमा लांघ गई तो संसद से सड़क तक मायावती ने ऐसा बखेड़ा खड़ा कर दिया कि मर्यादा हर स्तर पर टूटनी शुरू हो गई.

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