संयोग ऐसा कि न तो राहुल को सीएम बनना है और न मोदी को बतौर सीएम गुजरात लौटना है. लेकिन गुजरात चुनाव का परसेप्शन इतना बड़ा कर दिया गया है कि सूबे में बीजेपी की हार 2019 चुनावों को लेकर मोदी की पॉलिसी पर अभी से ग्रहण लगा सकती है. मोदी की जीत अभी से 2019 चुनावों के लिए पूर्णिमा का चांद बनकर चमक सकती है.