कल दिल्ली में हजारों प्रदर्शनकारी तलवार, फरसा, लोहे के रॉड लेकर उपद्रव करते रहे. सुरक्षा के लिए पुलिस की बंदूक से एक गोली नहीं चलाई गई. पुलिस ने संयम और साहस के साथ मुकाबला किया. 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए।लेकिन पुलिसकर्मियों ने उतना ही बल इस्तेमाल किया, जिससे लोग भड़के नहीं, बस काबू में आएं. इन पुलिसकर्मियों ने दिल्ली ही नहीं बल्कि देश को बहुत बड़ी अशांति की खाई में गिरने से बचाने के लिए खुद जख्म अपने शरीर पर ले लिए हैं. बात विश्वासघाती नेताओं की भी होगी, जिनकी वजह से दिल्ली हिंसा की आग में सुलग उठी. देखें दस्तक, रोहित सरदाना के साथ.