अध्यक्ष पद संभालते ही नितिन गडकरी को पार्टी के भीतर घमासान का एहसास हो गया. लेकिन संघ का हाथ सिर पर है तो चिंता किस बात की. बतौर अध्यक्ष पहली बार प्रेस से मुखातिब हुए तो ताल ठोक कर कहा कि चाटुकारिता की संस्कृति अब और नहीं चलने वाली. काम करने वाले ही उनकी टीम में होंगे.