ज्ञानवापी मस्जिद में क्या होगा? पूजा होगी या नमाज होगी? ज्ञानवापी मस्जिद मानी जाएगी या मंदिर मानी जाएगी? क्या ज्ञानवापी का धार्मिक रूप बदलेगा? ज्ञानवापी में मिले दावे वाले शिवलिंग का क्या होगा? वजूखाने का क्या होगा? सर्वे रिपोर्ट का क्या होगा? इतने सवाल हैं. जवाब सिर्फ अदालत से मिलेगा. अदालत जहां एक गांव की जमीन के मामले में दशक बीत जाते हैं. अदालत जहां अयोध्या का फैसला आने में दशकों लग गए. सामाजिक तनाव के मुद्दे के समाधान में वक्त लगता है तो उसी वक्त का फायदा राजनीति उठाती है. तनाव बढ़ता है, समरसता कम होती है, ऐसे में देश का माहौल हमेशा सुधरा रहे, इसलिए जरूरी है कि ज्ञानवापी विवाद में अदालत को हर पक्ष को सुनने के बाद फैसला देने में देर ना हो जाए कहीं! देखें दस्तक.