बकरे की अम्मा कबतक खैर मनाती?...अंग्रेजो को हरना था, हारे..हां वक्त थोड़ा ज्यादा लग गया. चलिए छोड़िये..इस जीत को क्या कहें..खुशी खुमार राहत या सबकुछ? वैसे मौसम बदले का है इसलिए बदला कहना ज्यादा मुनासिब है..हिंदुस्तान की हसरत पूरी हुई और पूरा हुआ बदला नंबर वन..ये जीत एक उन्माद लेकर आई है, एक प्रतिघात बनकर आई है..दिल में कई कांटे चुभे थे एक कांटा निकल गया.