बोलने की आजादी लोकतंत्र की एक सबसे अहम शर्त है लेकिन जब लोकतंत्र को सत्ता के अहंकार की जूती के नीचे कुचला जाता है तो क्या होता है, उसकी झलक कंगना रनौत के दफ्तर की टूटी-फूटी तस्वीरों में दिखती है. कंगना ने शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बोला तो उनके दप्तर पर बुलडोजर चल गया. कंगना आज ही हिमाचल प्रदेश से मुंबई पहुंचीं लेकिन उनके आने से पहले ही उनका दफ्तर अंदर से बाहर तक मलबे में तब्दील हो चुका है. कंगना ने शिवसेना से सीधी टक्कर ले ली है. ये टक्कर अब कंगना की भाषा में धर्मयुद्ध में बदल गया है. जिस वक्त कंगना का दफ्तर टूट रहा था उसी वक्त उन्होंने ट्वीट किया जिसमें अपने दफ्तर को मंदिर बताया और तोड़ने वाले को बाबर. जय श्री राम का नारा उछाला, वो इसके ऊपर से. देखिए दस्तक में हमारा खास शो, ये कंगना का धर्म युद्ध.