देश की जनता में बदलाव की उम्मीद जगाने के लिए एक और राजनीतिक पार्टी आ गई है. आम आदमी पार्टी. लेकिन सवाल ये है कि अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीतिक पार्टी से कितना बदलाव कर सकेंगे? देश में पिछले छह दशक के लोकतंत्र का इतिहास कहता है कि तमाम राजनीतिक पार्टिय़ां देश की जनता की उम्मीद तोड़ती आई है.