कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री ने जिस तेवर के साथ संसद में बयान दिया, इसके बावजूद पीडीपी की राह अलग नजर आ रही है. क्या ये दोनों पार्टियां कभी न मिलने वाले दो ध्रुव हैं? ऐसा क्या है कि जब बीजेपी सत्ता में रहती है तभी जम्मू-कश्मीर को लेकर सवाल क्यों उठने लगते हैं?