आज कहानी उस मोरबी की है जिसकी खबर आप कल शाम से देख रहे हैं लेकिन अभी 10तक देखना इसलिए जरूरी है क्योंकि जहां पुल की देखरेख का जिम्मा घड़ी, कैलकुलेटर बनाने वाली कंपनी को ठेका मिलता है, वो कंपनी ठेका दूसरी कंपनी को दे देती है. आठ से बारह महीने का काम पांच महीने में करके बिना नगर पालिका को बताए पुल कंपनी की तरफ से खुल जाता है. श्वेता सिंह के साथ 10तक में देखिए ये विशेष रिपोर्ट.