आरएसएस की उड़ान उस सपने की तरह नरेंद्र मोदी को लेकर हो चुकी है जिस सपने में विधानसभा चुनाव में जोड़ घटा मायने नहीं रखता, नेताओं का रुठना मनाना मायने नहीं रखता. इन दिनों संघ सिर्फ मोदी नाम का जाप कर रहा है.