मंशा तो थी सरकार को घेरने की, लेकिन खुद घिर गया विपक्ष. बजट पर कटौती प्रस्ताव तो गिरा ही, विपक्षी एका की हवा भी निकल गई. यही नहीं, एनडीए के अंदर खुद भी दरार बेपर्दा हो गई.