रिफॉर्म के एजेंडे पर सरकार के कदम कितनी मजबूती के साथ बढ़ेंगे, इसका फैसला रीटेल में एफडीआई पर वोटिंग के साथ हो जाएगा. मंगलवार को लोकसभा में हुई बहस में सत्ता पक्ष ने एफडीआई का बखान किया तो विपक्ष ने इसे जनविरोधी करार दिया. इस दौरान सबसे बड़ा सवाल ये है कि इसके पीछे राजनीतिक पार्टियां जनकल्याण के बारे में सोच रही हैं या महज राजनीति कर रही हैं.