छोटे राज्य की बात निकलते ही हर किसी के मन में यही बात आती है कि राजधानी नजदीक हो. नेताओं तक पहुंच नजदीक हो और योजनाएं दरवाजे तक पहुंचें. लेकिन क्या ये सच है, ऐसा होता भी है या ये छोटे राज्यों की बड़ी-बड़ी बातें भर हैं.