तो अपने दर्द अपनी त्रासदी को समेटे हनीप्रीत सामने आई, जिसने खुद को उस हनीप्रीत से बिल्कुल अलग कर लिया जिस हनीप्रीत को बीते 38 दिनों से पुलिस खोज रही थी. तो आजतक हनीप्रीत तक पहुंच गया. पर हरियाणा-पंजाब समेत सात राज्यों की पुलिस हनीप्रीत तक पहुंच नहीं पायी. तो सवाल तीन है, पहला क्या सरकारी एजेंसिया सुस्त हो चली हैं, क्या हनीप्रीत सरीखे आरोपी की खोज जब तक न हो, तब तक सरकारी एंजेसियों को लाभ होता है, क्या पुलिस का भी राजनीतिकरण हो चुका है?