किसी भी दल को वोट देने के दो पैमाने हो सकते हैं. एक अपेक्षा और दूसरा आक्रोश. जनता आक्रोश में वोट ना दे क्या इसीलिए अपेक्षा पर ध्यान देते हुए राजनीतिक दलमुफ्त के वादों पर फोकस करते हैं. जिससे उस वोटबैंक को साधा जा सके, जिसे 'लाभार्थी' के नाम से अब जाना जाता है. देखिए 10तक