संसद के भीतर कालेधन पर हंगामे ने अर्से बाद यह साफ कर दिया कि भारत में दुनिया के बैंको में जमा कालाधन तो आएगा नहीं, उल्टे देश के भीतर जो सिस्टम काम कर रहा है, वह कालेधन पर ही टिका है. सभी दलों ने माना कि जीने की न्यूनतम जरूरतों को पूरा करने में भी कालेधन की जरूरत पड़ती है. तो क्या कालाधन वापस लाने का वादा महज सियासी नारा था?