जब हमारे देश में भड़काने के आरोपियों के सजा पाने की दर बेहद कम है. जब हमारे देश में भड़काओ और छूट जाओ की परंपरा चली आ रही है. तब आप खुद पहले जानिए कि भड़काऊ बयान पर कानून क्या कहता है. भड़काने वाले बयानों के बोए बीज ही बाद में हिंसा का फल देते हैं क्योंकि कोई जन्म से हिंसक, उपद्रवी नहीं होता. और ये भड़काने वाले इंसानी लाउडस्पीकर तब बज रहे हैं, जब देश में दिल्ली समेत कई शहरों में दंगे के बाद तनाव है. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (ए) के तहत धर्म, भाषा, नस्ल वगैरह के आधार पर लोगों में नफरत फैलाने की कोशिश जहां हो. 153 (बी) के तहत संप्रभुता के खिलाफ बयान जहां दिया जाए.