हमारा देश दो हिस्सों में बंटा हुआ है. एक बड़ा हिस्सा वो है, जो 12 रुपये की थाली के लिए पूरा ज़ोर लगा देता है. दूसरा वो है, जो 12 सौ रुपये की चाय पीने से पहले दो पल के लिए भी नहीं सोचता. ऐसे में सवाल यह है कि आखिर देश के नेता कब तक गरीब के पेट की कीमत लगाते फिरेंगे.