सुनसान इलाका, नक्सलिय़ों का खौफ, सुरक्षा का कोई भरोसा नहीं. उस पर तेजी से ढल रहा था दिन. राजधानी एक्सप्रेस पर सवार करीब पौने पांच सौ मुसाफिरों के लिए ये किसी खौफनाक सफर से कम नहीं था.