चौदहवीं लोकसभा के आखिरी दिन लोगों ने सोमनाथ चटर्जी का भावुक दिल देखा. पांच साल तक सांसदों से हेडमास्टर की तरह बर्ताव करने वाले सोमनाथ चटर्जी के लिए भी संसद से ये विदाई का दिन था. दादा बेहद भावुक थे.