राजीव गांधी के जन्मदिवस पर सोनिया गांधी जो संदेश संसद से देना चाहती थी वह फेल हो गया. केन्द्र सरकार के हर मंत्रालय से लेकर कांग्रेस शासित राज्यों ने अपने प्रचार प्रसार बजट को राजीव गांधी के जनमदिन के मौके पर जी भर लुटाया और इसी मौके पर फूड सिक्योरिटी बिल पर संसद में बहस शुरू करवा कर सोनिया गांधी जिस तरह राजीव गांधी के सद्भावना दिवस पर कांग्रेस के एक तमगे को और जोड़ना चाहती थी वह संसद के इस हंगामे में गुम होकर रह गया.