कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान दिल्ली की सड़कों पर स्ट्रील लाइट लगाई गई थी. इसमें कुछ भी असामान्य नहीं था. असामान्य ये था कि वो रोशनी का वो सामान विदेश से मंगवाया गया था. अब उस रोशनी पर राजनीति में अंधेरा छा गया है. 92 करोड़ की उस खरीद में 32 करोड़ का घोटाला था. सीएजी और शुंगलू कमेटी की जिस रिपोर्ट पर शीला दीक्षित की सरकार चार साल तक बैठी रही उसी रिपोर्ट पर केजरीवाल ने एफआईआर दर्ज करा दी है.