कहते हैं संगति अपना असर दिखाती ही है. उद्धव ठाकरे की भाषा सुनकर तो यही लगता है कि अपने पिता और चचेरे भाई से अब वो भी अभद्र भाषा सीखने लगे हैं. चिदंबरम के भगवा आतंक के बयान पर उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दर्ज कराई. और गुस्से में भूल गए कि वो क्या कह रहे हैं.