न्याय व्यवस्था को लेकर कहा जाता है कि इंसाफ के घर देर है लेकिन अंधेर नहीं. हमारे देश में ये भी कहा जाता है कि सौ दोषी छूट जाएं लेकिन एक निर्दोष को सजा नहीं होनी चाहिए. लेकिन जब हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती, भ्रष्टाचार, जमीन कब्जा करने का आरोपी माफिया डॉन मुख्तार अंसारी पूरे सिस्टम को घुमाने लगे तो दस्तक देनी जरूरी है. एक एंबुलेंस. एक व्हीलचेयर और पेशी के बहाने तारीखें बढ़ाता मुख्तार अंसारी. जहां लाखों कैदी देश की जेलों में तारीखों के इंतजार में सिर्फ आरोपी बनकर अपनी जिंदगी इंसाफ के इंतजार में बिता देते हैं. उसी सिस्टम में मुख्तार अंसारी अपने मन मुताबिक अब भी जेल तय करने में जुटा है. जो मुख्तार अंसारी 27 महीने में एक बार अदालत में पेश नहीं होता, वो जब अचानक व्हील चेयर पर बैठकर कोर्ट के सामने पेश होने पहुंच गया तो इसका मतलब ये नहीं कि न्याय के मंदिर को मुख्तार पूजने लगा है. तो क्या मुख्तार ने अब यूपी जाने से बचने का नया दांव व्हीलचेयर पर खेला है? देखें दस्तक.
Gangster-turned-politician Mukhtar Ansari was on Wednesday produced before a Mohali court in Punjab in connection with the extortion and criminal intimidation case against him. The next date for a hearing in the case has been scheduled for April 12. During the hearing, Mukhtar Ansari said in court that his health has not been good. After which, the court sent Mukhtar Ansari back to Ropar jail. Today in this episode of Dastak we talk about the real Mukhtar Ansari of our system.