आज किसान दिवस है. देश के बड़े नेता और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती है. किसान दिवस पर भी किसान आंदोलन किसी हल तक नहीं पहुंचा. सरकार कहती है- हम किसानों के साथ हैं. आंदोलन के पीछे कुछ वामपंथी हैं. क्या किसान अपना और आंदोलन पराया? सवाल सीधा सा- गेहूं की फसल तीन से चार महीने में तैयार होकर काट ली जाती है. अब तक किसानों के आंदोलन की फसल समाधान के रूप में क्यों नहीं पक पाई? गेहूं की फसल छह सिंचाई में तैयार हो जाती है. छह दौर की बात के बाद भी आंदोलन के हल की फसल तैयार नहीं हो पाई. किसान कहते हैं इस बार हटेंगे नहीं. देखें दस्तक, सईद अंसारी के साथ.