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क्‍या दिल्‍लीवालों में नहीं है इंसानियत?

क्‍या दिल्‍लीवालों में नहीं है इंसानियत?

क्या राधिका तंवर की जान बच सकती थी. क्या इलाज में देरी ने उसकी जान ली. महिला दिवस के दिन दिल्ली के धौलाकुआं में राधिका की हत्या कर दी गयी. अब ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि अस्पताल पहुंचने तक राधिका की सांसें चल रही थीं. सवाल इसलिए भी कि हजारों लोगों के बीच राधिका तड़पती रही. क्या दिल्ली वालों के दिल में इतनी भी इंसानियत नहीं रही.

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