उसने मेडिकल की पढ़ाई कर बीमारों को जिंदगी देने का ख्वाब देखा था. लेकिन, हिमाचल प्रदेश के जिस कॉलेज में उसने दाखिला लिया, वहां वो अपनी ही जान नहीं बचा पाया. ये कहानी है 19 साल के छात्र अमन काचरू की.