हुरियारों ज़रा बच के, ज़रा संभल के, ये होरी है हुरियारिनों की यानी गोपियों की. एक भी लाठी लग गई तो जीत जाएंगी बरसाने की ये गोपियां. होली आई नहीं कि हाथों में लाठी लिए बरसाने की हुरियारिनें टूट पड़ती हैं नंदगांव के हुरियारों पर और पुरुष हाथ में ढाल लेकर जैसे-तैसे खुद को बचाते हैं गोपियों की लाठियों से.