हर साल आप 14 जनवरी को संक्रांति का स्नान, दान कर पुण्य प्राप्त करते थे लेकिन इस बार संक्राति 15 जनवरी यानी आज मनाई जा रही है क्या है इसका कारण. तो आपके इस सवाल का जवाब भी छिपा है सूरज की इन्हीं किरणों में, क्योंकि सूरज ने चली है कुछ ऐसी चाल जिससे आगे आने वाले 60 सालों तक संक्रांति अब 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी.