भाव के भूखे हैं भोलेभंडारी. अगर भक्त के मन में सच्ची श्रद्धा हो तो उन्हें पिघलते देर नहीं लगती. उन्हें न तो चढ़ावे की चाहत है, न ही आराधना की दरकार. जी हां पुणे में दर्शन होते हैं मर्करी के बने एक ऐसे ही शिवलिंग के, जहां बिना पूजा, बिना आरती, भर जाती है भक्तों की खाली झोली. दर्शन मात्र से हो जाते हैं भोले प्रसन्न और जब भोले प्रसन्न होते हैं तो भक्तों का बेड़ापार तो करते ही हैं.