चाहे सतयुग हो या कलयुग, मनुष्य हों या फिर जीव जन्तु, समंदर हो या फिर आसमान, औघड़दानी की भक्ति, उनके आशीर्वाद की कामना हर किसी को होती है. धर्म में आज दर्शन भक्ति के उस चरम रूप के जिसे देखने के बाद जीवन हो जाता है धन्य.