त्र्यंबकेश्वर की ऊंची ऊंची पहाड़ियों की गोद में बसा है माता अंजनि का स्थान और यहां अपनी मां की गोद में विराजते हैं अंजनिपुत्र हनुमान. ये भूमि याद दिलाती है माता अंजनि की तपस्या की. इस जमीन ने देखा है पवनपुत्र की माता का त्याग.