गंगा सप्तमी, यानी वो दिन जब मां गंगा समाई थीं औघड़दानी भोलेशंकर की जटाओं में. इस पावन दिन पर मां गंगा से आशीर्वाद तो आपने ले ही लिया होगा लेकिन अगर मिल जाएं मां के साक्षात दर्शन तो जीवन संवरते देर नहीं लगेगी.