हर मनुष्य की यही कामना होती है कि वह हर कला में पारंगत हो. यदि हम इस मंत्र का उच्चारण करें तो हमारी यह मनोकामना अवश्य पूर्ण हो सकती है. प्रभो! त्वत् प्रसादेन सिद्धी: भवतु मे सदा.