शनि की वक्री दृष्टि हो या टेढ़ी चाल या फिर हो साढ़ेसाती या ढैय्या, हर कोई शनिदेव के साये से भी बचकर चलना चाहता है. उनके प्रकोप से छुटकारा पाना चाहता हैं, तो चलिए आपको ले चलते हैं गुजरात के नर्मदा जहां शनिदेव अपनी पत्नियों के साथ विराजते हैं. कहते हैं यहां आकर पूजा करने से भक्तों के सारे दुख दूर हो जाते हैं.