लंकापति रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने अपने अनुज लक्ष्मण के बहाने पूरी मानवता को ये संदेश दिया कि अगर राक्षस के पास भी कल्याणकारी ज्ञान हो, तो उसे प्राप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए.